गुरुवार, 13 मई 2010
वो खुदा है............
देखा है दूर एक तनहा सा ख़्वाब आँखों ने
जमीं पे चलता हुआ माहताब आँखों ने
मुझ से करता है बहुत से सवाल दिल उसका
वो न समझा कि दिया है जवाब आँखों ने
कोई मज़बूरी नहीं, थी ये हया की शोखी
रुख़ पे ढलता हुआ देखा नकाब आँखों ने
अब ज़माना ये मुझे चाहे चढा दे सूली
वो खुदा है ये किया इंतखाब आँखों ने
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